रविवार, 15 जुलाई 2012

dhan

धन की तीन गतिया  हे- दान , भोग   नाश।.   दान  होता नहीं ,भोग  इन्दिरियो के कारन सिमित हे,नाश तो अपने आप हो जायगा।

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